पीसीओडी मुख्य रूप से महिलाओं में पाई जाने वाली बीमारी है। आजकल यह बीमारी बेहद आम बन चुकी है। यह बीमारी महिलाओं की अपनी चपेत में ले रही है। अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाए तो यह बीमारी आगे जाकर और भी बड़ी बन सकती है। भारत में हर 5 महिलाओं में से एक को पीसीओडी है। तो वहीं भारत में तकरीबन 59 प्रतिशत महिलाएं पीसीओडी की वजह से मोटापे की समस्या से जूझ रही है। तो इन आंकड़ो से यह साफ पता लगाया जा सकता है कि यह बीमारी कितनी तेजी से महिलाओं को अपनी चपेत में ले रही है। पीसीओडी का एक मुख्य कारण आज कल का खान पान और हमारी जीवनशैली है। पहले तो यह बीमारी अधिक उम्र की महिलाओं में पाई जाती थी।लेकिन आज कल यह बीमारी 20 साल से अधिक और कम उम्र की महिलाओं में भी पाई जाने लगी है।
पीसीओडी क्या है?
पीसीओडी यानि कि पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर। यह बिमारी मुख्य रूप से महिलाओं में ही पाई जाती है।यह बिमारी महिलाओं के अंडाशय (ovaries) को बुरी तरह से प्रभावित करती है जिसके चलते अंडाशय(ovaries) अविकसित अंडों का बड़ी संख्या में उत्पादन करते है जिसके बाद ये अंडाशय सिस्ट बन जाते है, और ये अंडाशय बड़े हो जाते है। और बड़ी मात्रा में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का स्त्राव करते है। यह बीमारी हार्मोनल असंतुलन का भी कारण बनती है और इसी के कारण अंडाशय में सूजन भी हो जाती है। इस बीमारी के चलते महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) अनियमित रूप से आते है। इसी के साथ महिलाओं को मुंहासे, चेहरे और शरीर के अन्य भागों में अनचाहे बाल, पेल्विक दर्द आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी बीमारी के चलते महिलाओं को संतान प्राप्ति में कठिनाई होती है। यह बीमारी आज कल आम बन चुकी है। क्योंकि इस बीमारी का शिकार बहुत सी महिलाएं हो रही है। इस बीमारी का मुख्य कारण जीवनशैली (लाइफस्टाइल), खान-पान, स्मोकिंग और शराब का सेवन, करना आदि है। आज कल तो 15 से 20 साल की महिलाएं भी इस बीमारी का शिकार हो रही है।
पीसीओडी के क्या कारण है?
पीसीओडी महिलाओं को होने वाली खतरनाक बिमारियों में से एक है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं करवाया गया तो कहीं न कहीं यह बीमारी आगे जाकर एक भयानक रूप धारण कर सकती है। पीसीओडी होने के कई कारण है जैसे कि जीवनशैली, खान-पान, व्यायाम और योग ना करना । आइए जानते है कि आखिर ऐसे कौन से कारणों के चलते महिलाओं को पीसीओडी होती है।
- अस्वस्थ जीवनशैली
पीसीओडी का मुख्य कारण आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली हो सकती है। जो महिलाएं अपनी जीवनशैली पर उचित ध्यान नहीं दे पाती। उनकों पीसीओडी होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। इसमें समय पर खाना ना खाना, ज्यादा से ज्यादा जंकफूड खाना, व्यायाम या योगा न करने के कारण आपको पीसीओडी होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।
- लगातार वजन बढ़ना
अगर आपका वजन लगातार बढ़ रहा है तो आपको पीसीओडी होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। शरीर में लगातार चर्बी भी बढ़ने लगती है। चर्बी बढ़ने से एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिसे अंडाशय (ओवरी) में सिस्ट यानि कि गांठी बनाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
- अनियमित रूप से पीरियड्स होना
पीसीओडी होने का एक मुख्य कारण पीरियड्स का अनियमित रूप से होना भी हो सकता है। अगर लंबे समय से आपको मासिक धर्म (पीरीयड्स) देरी से आ रहे है तो इसके चलते भी पीसीओडी होने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।
- आनुवंशिक कारण
पीसीओडी होने का एक मुख्य कारण आनुवंशिक भी हो सकता है। अगर परिवार में आपकी मां, दादी या फिर किसी को भी पीसीओडी की समस्या है तो आपको भी यह समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
- मानसिक तनाव
पीसीओडी का एक मुख्य कारण मानसिक तनाव भी है। अगर आप मानसिक तनाव जैसी समस्या से जूझ रहे है तो भी आपको पीसीओडी होने की संभावना हो सकती है।
क्या पीसीओडी का इलाज संभव है?
आजकल पीसीओडी की समस्या बेहद आम हो चुकी है। लेकिन घबराइए मत अगर आप भी पीसीओडी की समस्या से जूझ रहे है क्योंकि इसका इलाज संभव है। क्योंकि कहा जाता है कि अगर कोई समस्या है तो उस समस्या का हल भी जरूर ही होगा। बिल्कुल ऐसे ही पीसीओडी का भी इलाज संभव है। नीचे कुछ टिप्स दिए गए है जिन्हें अपनाकर आप पीसीओडी की समस्या को दूर कर सकते है।
- बेहतर खानपान
पीसीओडी में जंक फूड, मिठाई, ज्यादा मसाले और तेल वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि पीसीओडी में यह चीजें शरीर के लिए बेहद ही हानिकारक हो सकते है। इसी के साथ अपने आहार में संतुलित और प्रोटीन युक्त भोजन का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। पीसीओडी की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए अखरोट और मछली भी बेहद फायदेमंद है। इन चीजों को अपने भोजन में शामिल करने से आप पीसीओडी से छुटकारा पा सकते है।
- व्यायाम करने से
पीसीओडी से छुटकारा पाने के लिए महिलाओं को अपने दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए। सुबह-2 कसरत, जॉगिंग, जुम्बा डांस या किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि कर सकते है। इससे आपका शरीर चुस्त होगा और आलसपन दूर होगा। सुबह व्यायाम करने से शरीर मे रक्त का प्रवाह सही से होता है। इसी के साथ यह महिलाओं की पीसीओडी की समस्या को भी दूर करता है।
- ओवेरी की सिकाई
आयुर्वेद के अनुसार पीसीओडी की समस्या से जूझ रही महिलाओं को अरंडी के तेल से अपने ओवेरी की सिकाई करनी चाहिए। जिससे कि पीसीओडी की समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है।
- पीसीओडी की दवाई लें
अगर जीवनशैली और डाइट में बदलाव करने के बाद भी आपकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा तो आप इसका इलाज डॉक्टर से करवाएं और डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई दवाइयों का सेवन करें। ये दवाएं आपके शरीर में हार्मोन को संतुलित करने का काम करती है जिससे पीसीओडी से आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी। इसी के साथ डॉक्टर आपको प्रोजेस्टिन हार्मोन लेने का सुझाव दे सकते है जि आपको पीरियड्स नियमित रूप से आएंगे और साथ ही साथ गर्भाशय कैंसर के खतरे को भी कम करता है।
निष्कर्ष:
पीसीओडी की बीमारी अन्य बीमारियों की तरह ही बहुत ही खतरनाक हो सकती है अगर इसे नजरअंदाज किया जाए। लेकिन घबराने वाली बात नहीं है इसका इलाज संभव है। इस बीमारी को दूर करने के लिए अगर किसी चीज की जरूरत है तो वो है आपका ढृढ निश्चय । इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए डाइट का अच्छे से पालन करें। साथ ही साथ पूरा परहेज करें। हमने ऊपर इस बीमारी के कुछ कारण बताएं है जिससे कि आप इस बीमारी से बच सकते है और वहीं जो महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही है तो उनके लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी दिए है। जिनकों आप अपनी जीवशैली में अपनाकर इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है। इन नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार अपने चिकित्सक या फिर किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। कहते है न जान है तो जहान है और जान तब ही होगी जब हम अपने आप को इन बिमारियों से बचा कर रखेंगे।