आज के समय में हर कोई अपने शरीर को हिट और फिट रखना चाहता है। लेकिन हमारे खान-पान का हमारे स्वास्थ्य पर बेहद असर पड़ता है। मतलब की हमारा खान-पान और हमारी जीवनशैली हमारे स्वस्थ शरीर को प्रभावित करती है। लेकिन कहीं न कहीं हमारा आज कल का खान-पान काफी हद तक खराब हो चुका है, क्योंकि हम पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की बजाए तली हुई चीजे जैसे कि समोसा, पकोड़ा इत्यादि का सेवन करते है, जोकि हमारे शरीर के लिए भारी हो जाता है। जिसके बाद हमारा शरीर उसे इतनी आसानी से नहीं पचा पाता। इसलिए जितना हो सके पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। लेकिन बात सिर्फ यहीं पर खत्म नहीं होती। जितना जरूरी पौष्टिक भोजन का सेवन करना है, उतना ही जरूरी उस भोजन को सही से पचाना भी है। जी हां, हम पौष्टिक भोजन का सेवन तो कर रहे है, लेकिन अगर हमारा शरीर उस भोजन को अच्छे से पचा नहीं पा रहा, या फिर उस भोजन से पौष्टिक तत्वों को अवशोषित (absorb) नहीं कर पा रहा, तो भी हमारा शरीर बीमारियों की चपेत में आ सकता है। भोजन को पचाने का काम पाचन तंत्र (digestive system) करता है। आंते भी (intestine) हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन अक्सर सवाल आता है, कि आखिर शरीर में आंतो क्या काम होता है? तो आपको बता दें कि हमारे द्वारा खाए गए भोजन का पाचन और अवशोषण करना, आंतो का ही काम। यानि हमारे शरीर में आंतो का काम भोजन का अवशोषण करना है, यह आहार नली (alimentary canal) का हिस्सा होती है, जोकि पेट से गुदा तक फैली होती है। वे मेसेंटरी (mesentary), संवहिनी झिल्ली द्वारा पेट की पिछली दीवार से जुड़े होते है। मेसेंटरीकी रक्त वाहिकाएं आंतों के ऊतकों को सहारा देने के लिए ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती है। आंत की दीवार में तंत्रिका कोशिका की संख्या मुख्य रूप से अधिक होती है।
शरीर में आंतों का क्या काम होता है?
अक्सर कहा जाता है, कि पेट ठीक तो सब ठीक। मतलब कि अगर पेट साफ है, तो आपका शरीर भी स्वस्थ है। वहीं अगर आपका पेट ठीक नहीं रहता तो आपका शरीर बीमारियों की चपेत में आ सकता है। पेट की समस्या मतलब अन्य बीमारियों की समस्या। पेट की बीमारियों को कई अन्य बीमारियों का घर कहा जाता है। पेट को साफ रखने का काम आतों द्वारा ही किया जाता है। आंतों का मुख्य काम भोजन का पचाना और पौष्टिक तत्वों को अच्छे से अवशोषित करना है। लेकिन इसी के साथ आंते कई अन्य कार्य भी करती है, जैसे कि यह शरीर में विभिन्न पदार्थों का उत्पादन करती है, जो कि शरीर के अन्य भागों तक संदेश पहुंचाते है। इसी के साथ यह कीटाणुओं से लड़ने और शरीर में जल संतुलन को विनियमित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी के साथ कुछ लोगों के लिए आंते दर्शाती है, कि वो कैसा महसूस कर रहे है। जैेसे कि अगर वो तनाव में है, तो उन्हें पेट दर्द, दस्त और कब्ज जैसी समस्या हो सकती है। आंते मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, छोटी आंत और बड़ी आंत और इनके कार्य निम्नलिखित प्रकार है।
छोटी आंत
इसे छोटी आंत भले ही कहा जाता है, लेकिन यह आहार नली की सबसे लंबी नली होती है। यह लगभग 4.5 मीटर से 7 मीटर तक होती है। जोकि एक अत्यधिक कुंडलित संरचना के रूप में होती है। जिसका आंतरिक सतह क्षेत्र बड़ा होता है। यह मध्य और निचले उदर गुहा में समाहित होती है। छोटी आंत हमारे पाचन तंत्र का हिस्सा है। शरीर में छोटी आंत के भी कई काम होते है, जैसे कि भोजन को तोड़ना, मिलाना और पोषक तत्वों को अवशोषित करना है। छोटी आंत मुख्य रूप से तीन भIगों में जोकि ग्रहिणी, उपवास और इलियम में विभाजित होती है।
छोटी आंत के काम
जब हम भोजन खाते हैं, तो वह हमारे पेट में प्रवेश करता है, जहां यह पेट के अंदर कोशिकाओं द्वारा बनाए गए मजबूत एसिड द्वारा टूट जाता है। जिसके बाद पचा हुआ भोजन हमारी छोटी आंत में चला जाता है। जिसके बाद छोटी आंत का काम, इस पचे हुए भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित कर, उन तत्वों को शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाना है। छोटी आंत मुख्य रूप से पोषक तत्वों, नमक और पानी के अवशोषण के लिए ही जिम्मेदार होती है। छोटी आंत के काम नीचे दिए गए अनुसार है:
- भोजन को पचाने में छोटी आंत की भूमिका
छोटी आंत की ग्रहणी पचे हुए भोजन यकृत, अग्नाशय और इसकी दीवारों से पाचक रसों को अवशोषित कर लेती है। लीवर पित्त रस स्त्रावित करता है, जो वसा को छोटी बूंदों में बदल देता है। ताकि उनका पाचन आसानी से हो जाए। वहीं अग्नाशय, अग्नाशय रस का निर्माण करता है जो वसा को फैटी एसिड और ग्लिसरॉल में तोड़ देता है। छोटी आंत की दीवारों से स्त्रावित आंतों का रस स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट्स को सरल शर्करा में तोड़ देता है। इन शर्कराओं को ग्लूकोज के नाम से जाना जाता है। यह प्रोटीन को अमीनो एसिड में भी परिवर्तित करता है। इस सभी टूटे हुए रूपों को पचा हुआ भोजन कहा जाता है।
- भोजन के अवशोषण में छोटी आंत की भूमिका
छोटी आंत को प्रतिदिन 6 से 12 लीटर तरल प्राप्त होता है। यह भोजन से मिलने वाले लगभग सभी पोषक तत्वों को रक्तप्रवाह में अवशोषित करके पाचन का अधिकांश काम करता है। पचा हुआ भोजन आंत की दीवारों में रक्त वाहिकाओं में अवशोषित हो जाता है। उंगली जैसे उभार जिन्हें विली के नाम से भी जाना जाता है वो पचे हुए भोजन के अधिक अवशोषण के लिए छोटी आंत के सतह क्षेत्र को काफी बढ़ा देते है। उसके रक्त अवशोषित भोजन सामग्री को शरीर के अलग-2 भागों तक पहुंचाने का काम करता है। ग्लूकोज के टूटने से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड बनता है जो कि विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक ऊर्जा का उत्पादन करता है। उसके बाद अपचित और अवशोषित भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत में चला जाता है।
बड़ी आंत
बड़ी आंत जोकि पाचन तंत्र का अंतिम भाग होता है। यह एक सतत् ट्यूब जैसा होता है। हालांकि छोटी आंत की तुलना में बड़ी आंत छोटी होती है। लेकिन इसके बड़े लुमेन के कारण इसे बड़ी आंत कहा जाता है। बड़ी आंत की लंबाई 1.5 मीटर और व्यास 2 इंच होता है। बड़ी आंत यकृत और पेट के नीचे होती है। बड़ी आंत पेट के दाहिने ओर से शुरू होकर इलियोसेकल स्फिंक्टर द्वारा छोटी आंत के इलिमय से जुड़ी होती है। बड़ी आंत का मुख्य कार्य पानी और नमक को अवशोषित करना और मल को तब तक संग्रहित करना जब तक यह गुदा के माध्यम से शरीर से बाहर न निकल जाए। इस प्रक्रिया को ही शौच के नाम से जाना जाता है। बड़ी आंत के कई भाग होते है जिनमें सीकुम (cecum), कोलन (colon), रेक्टम (rectum), एनल कैनाल (anal canal) और गुदा (anus) शामिल है।
बड़ी आंत के काम
बड़ी आंत का काम मुख्य रूप से अपाच्य भोजन से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को अवशोषित करने, मल बनाने और उन्मूलन तक संग्रहित करना है। इसी के साथ पचे हुए भोजन को मल में बदलते समय पानी और विटामिन को अवशोषित करना भी बड़ी आंत का काम है, बड़ी आत का काम मुख्य रूप से शरीर के सभी अपशिष्ट पदार्थों को यह मल के रूप में बाहर निकालने काम करती है। बड़ी आंत के काम नीचे विस्तार से दिए गए है:
- मल के निर्माण और निष्कासन में बड़ी आंत की भूमिका
जैसे ही पानी अवशोषित होता है,तो अपाच्य पदार्थ मल में स्थानातरिंत हो जाता है। जो तब तक मलाशय में जमा रहता है, जब तक वह समाप्त होने के लिए तैयार न हो जाए। इस मल में भोजन, जीवाणु, अकार्बनिक नमक, अवशोषित पदार्थ आदि शामिल होते है। तो बड़ी आंत का काम मुख्य रूप से मल का निर्माण और निष्कासन करना है।
- पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) के अवशोषण में भूमिका
बड़ी आंत पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के अवशोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बड़ी आंत का काम शेष अपाच्य भोजन पदार्थ से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को अवशोषित करना भी है, जिससे छोटी आंत से अर्ध-तरल काइम अधिक ठोस पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है।
- विटामिन के अवशोषण में भूमिका
बड़ी आंत अपने स्वयं के जीवाणुओं द्वारा उत्पादित विभिन्न विटामिनों को अवशोषित करती है। बड़ी आंत में 700 से अधिक बैक्टीरिया पाए जाते है। इन बैक्टीरियों का मुख्य कार्य बचे हुए फाइबर और पॉलीसेकेराइड को तोड़ना और उन्हें शॉर्ट-चेन फैटी एसिड में बदलना है। जोकि बाद में प्रसार प्रक्रिया द्वारा बड़ी आंत द्वारा अवशोषित होते है।
- किण्वन में बड़ी आंत की भूमिका
बड़ी आंत में मौजूद जीवाणु किण्वन में मदद करते है। इसी के साथ कुछ अपाच्य कार्बोहाइड्रेट्स को तोड़ते है, गैसों और शॉर्ट-चैन फैटी एसिड का भी उत्पादन करते है।
- अपशिष्ट का उन्मूलन
बड़ी आंत की प्राथमिकता शरीर से अपाच्यी खाद्य कणों, मृत कोशिकाओं और विषाक्त पदार्थों सहित अपशिष्ट उत्पादों को खत्म करना है।
आंत कितनी जरूरी है?
आंत हमारे शरीर का एक बेहद ही जरूरी भाग है। जोकि शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य करते है। आंतों के बिना हमारा शरीर काम नहीं सकता और ना ही हम जीवित रह सकते है। तो आइए जानते है, कि हमारे शरीर के लिए आंत कितनी जरूरी है? आंत के काम नीचे दिए अनुसार है:
- आंते हमारे शरीर में भोजन को पचाने का काम करती है जोकि हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी है।
- यह हमारे शरीर से खराब पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है।
- इसी के साथ ही आंते ही पोषक तत्वों को शरीर के अन्य भागों तक पहुंचाने का काम करती है।
- आंते पेट को साफ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- विटामिनों के अवशोषण में भी आंते महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
निष्कर्ष
आंते हमारे द्वारा खाए गए भोजन को पचाने का काम करती है। इसी के साथ उन पदार्थों को अवशोषित कर उन्हें बाहर निकालने का काम भी आंतों द्वारा ही किया जाता है। मुख्य रूप से यह हमारे पेट को साफ रखने का काम करती है। अगर पेट साफ रहेगा तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। क्योंकि पेट के खराब होना का मतलब दस और बीमारियाों का आना। इसलिए आंते हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी है।
- आंत के मुख्य कार्य क्या है?
आंतों के मुख्य कार्य नीचे दिए गए है।
- भोजन को पचाने का काम
- खराब पदार्थों को बाहर निकालने का काम
- पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाने का काम
- विटामिनों के अवशोषण में मुख्य भूमिका
- आंत मुख्य रूप से कितनी प्रकार की होती है?
आंत मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है।
- छोटी आंत
- बड़ी आंत
- छोटी आंत की कितनी लंबाई होती है?
छोटी लगभग 4.5 मीटर से 7 मीटर तक होती है।
- बड़ी आंत की लंबाई कितनी होती है?
बड़ी आंत की लंबाई 1.5 मीटर होती है।
- बड़ी आंत कौन-2 से कार्य करती है?
बड़ी आंत निम्नलिखित कार्य करती है।
- मल के निर्माण और निष्कासन में बड़ी आंत की भूमिका
- पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के अवशोषण में भूमिका
- अपशिष्ट का उन्मूलन
- विटामिन के अवशोषण में भूमिका
Reference : –
https://www.indiatv.in/health/symptoms-of-intestinal-weakness-in-hindi-2022-12-11-910994#:~:text=%E0%A4%86%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE%20%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A5%8B,%E0%A4%B0%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A6%20%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%87%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A5%A4
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279303/#:~:text=The%20intestine%20(bowel)%20is%20a,purpose%20is%20to%20digest%20food.
https://www.innerbody.com/image/dige08.html
https://unacademy.com/content/cbse-class-11/study-material/biology/large-intestine-structure-and-functions/