जितना जरूरी स्वस्थ और पोष्टिक भोजन का सेवन करना है, उतना ही जरूरी उस भोजन को पचाना और उसका अच्छे से अवशोषण करना भी है, और यह काम हमारी आंतों (intestine) द्वारा किया जाता है। आंते भोजन को पचाने का काम करती है। इसी के साथ उनका अवशोषण भी करती है। लेकिन इसी के साथ आंते कई अन्य कार्य भी करती है जैसे कि यह शरीर में विभिन्न पदार्थों का उत्पादन करते है जो कि शरीर के अन्य भागों तक संदेश पहुंचाते है। इसी के साथ यह कीटाणुओं से लड़ने और शरीर में जल संतुलन को विनियमित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।इसी के साथ यह मल के निर्माण और निष्कासन का भी काम करती है। इसलिए शरीर के सही तरह से काम करने में आंते महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आंत में क्या बीमारी होती है?
हमारे खान-पान और हमारी जीवनशैली का हमारी आंतो पर बेहद असर पड़ता है। आज कल हमारा खान-पान और हमारी जीवनशैली बेहद ही खराब हो चुकी है। जिसके चलते आंतों की स्थिति भी बेहद खराब हो जाती है। आज कल आंतों की बीमारियां तेजी से फैल रही है। आंतो में सूजन, अल्सर जैसी कई बीमारियां लग जाती है। जिससे कि पूरा पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है। लेकिन अगर आंतों की इन सब समस्याओं को नजरअंदाज किया गया तो यह सारी समस्याएं आगे जाकर बेहद ही भयंकर रूप धारण कर लेती है। नीचे हमने आंतों से जुड़ी कुछ बीमारियां बताई है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस
अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) आंतों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी के चलते आंतों में सूजन आ जाती है। जिससे आंते अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाती। आंतों का मुख्य काम खाने में से पानी निकालकर उसे स्टोर करना और बचे हुए पानी को मल के रूप में शरीर से बाहर निकालना है। लेकिन जब अल्सरेटिव कोलाइटिस नामक बीमारी हो जाती है तो आंतो के अंदर छाले पड़ जाते है इसी के साथ आंतों में सूजन भी आ जाती है। जिससे कि पाचन की पूरी प्रक्रिया कहीं न कहीं गड़बड़ा जाती है। यह बीमारी मलाशय से शुरू होकर पूरे कोलन में फैल जाती है। आपको बता दें कि अल्सर तब बनता है जब आंत की सतह पर कोशिकाएं मर जाती है। जिसके कारण ब्लीडिंग होती है, और साथ में पस भी निकलता है। इस समस्या में हमें अपने शरीर में पेट दर्द, वजन कम होना, शरीर में पानी की कमी, बुखार, उल्टी, गांठ बनना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम भी आंतों में होने वाली खतरनाक बीमारियों में से एक है। अगर इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज किया गया तो आगे चलकर यह बीमारी बेहद खतरनाक रूप धारण कर सकती है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम एक तरह का जठरांत्रिय रोग (gastrointestinal disorders) है। जोकि शरीर में होने वाले हर दिन के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी की वजह से आंतों में सूजन,गैस, दस्त, जी मचलाना, ऊर्जा में कमी, संबंधी समस्याएं जैसी अनेक समस्याएं हो सकती है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम होने के कई कारण हो सकते है जैसे कि आंतों में बैक्टीरिया का बढ़ना,पाचन तंत्र की नसों में असमान्यताएं इत्यादि शामिल है।
- सीलियक रोग
सीलियक रोग छोटी आंत से संबंधित बीमारी है। इसे पाचन संबंधी डिसऑर्डर भी कहा जाता है। छोटी आंत की परत विली से ढकी होती है, जो छोटी उंगलियों की तरह ही होती है। विली जोकि भोजन को अवशोषित करने का काम करती है। जब कोई व्यक्ति सीलियक रोग से पीड़ित हो जाता है, और वह ग्लूटेन खाता है, तो व्हाइट ब्लड सेल्स विली पर हमला करती है, जोकि बाद में नष्ट हो जाती है। जिसके बाद छोटी आंत भोजन से विटामिन और पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती। जिसकी वजह से मोशन ठीक से ना होना, दस्त लगना, कब्ज,गैस, सूजन इत्यादि समस्याएं हो जाती है।
- क्रोनिक एन्डोकॉलिटिस
क्रोनिक एन्डोकॉलिटिस आंतों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। जिसमें छोटी और बड़ी दोनों आंतों में सूजन आ जाती है। जोकि आंतों के कार्यों में परेशानी का कार्य बनता है। इससे ना भोजन का पाचन अच्छे से हो पाता है और ना ही भोजन का अच्छे से अवशोषण हो पाता है। अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाए तो यह बीमारी आगे चलकर बेहद ही खतरनाक बन सकती है।
आंत स्वास्थ्य कैसे बनाये रखे?
आंतों को स्वस्थ रखना हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी है। क्योंकि अगर आंते स्वस्थ रहेगी तो ही हमारा पेट भी स्वस्थ रहेगा। अगर हमारी आंतें सही से काम नहीं करेगी तो हमारे शरीर में पाचन तंत्र की प्रक्रिया भी पूरी तरह से गड़बड़ जाएगी। इसलिए आंत को स्वस्थ बनाए रखना बेहद ही जरूरी है। आंतों को स्वस्थ बनाए रखने के घरेलू उपचार निम्नलिखित है।
- फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करें
फाइबर युक्त पदार्थों का जितना ज्यादा हो सके उतना सेवन करें। इसी के साथ अधिक तेल और वसायुक्त पदार्थों के सेवन से बचें। क्योंकि इन पदार्थों के सेवन से कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती है। इसलिए जितना हो सके उतना फाइबर युक्त पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। इसके लिए कई प्रकार की सब्जियां या फिर फल के साथ-साथ अनाज, खजूर इत्यादि को शामिल कर सकते है। क्योंकि यह सारी चीजें हमारी आंतों को स्वस्थ रखने और उनके सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करती है।
- नियमित रूप से खाना खाएं
प्रतिदिन नियमित रूप से खाना खाने की आदत अपनाएं। दिन में बार-बार खाना खाने की आदत को छोड़ दें। क्योंकि यह आपकी आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी चीज नहीं है। इसलिए दो बार खाना खाने के बीच थोड़ा सा अंतराल जरूरी है। इसलिए प्रतिदिन नियमित रूप से खाना खाएं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें
व्यायाम करना आंतों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। इससे बहुत सी बीमारियां ठीक हो जाती है। आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी व्यायाम जरूरी है। इसलिए प्रतिदिन सुबह-2 व्यायाम करने की आदत को अपनाएं। इससे आपकी आंतें स्वस्थ रहेगी और अच्छे से काम करेगी।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
पानी आंतों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता है। क्योंकि पानी आंतों से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड बना रहता है। इसिलए प्रतिदिन जितना ज्यादा हो सके उतना पानी पीएं।
- भोजन को अच्छी तरह से चबा-चबा कर खाएं
अपने भोजन को अच्छे से चबा-चबा कर खाएं। क्योंकि पाचन ठीक मुंह के अंदर से शुरू होता है। भोजन को पचाने में सहायता करने वाले एंजाइम लार ग्रंथियों द्वारा ही उत्पादित लार में मौजूद होते है। इसलिए जब आप धीरे-2 और भोजन को अच्छे से चबा कर खाते है तो इन एंजाइमों को भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। जिससे हमारी आंतें भी स्वस्थ रहती है।
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचे
धूम्रपान और शराब आंतों के लिए बेहद ही हानिकारक होते है। इसलिए इनके प्रयोग से बचे। इनके सेवन से आंतों को बीमारी हो जाती है जिससे कि वो सही से कार्य नहीं कर पाती। इससे शरीर की पूरी पाचन प्रक्रिया गड़बड़ा जाती है।
निष्कर्ष
आंतों को स्वस्थ रखना हमारे लिए बेहद ही जरूरी है। क्योंकि हमारे भोजन को पचाने और उसे अवशोषित करती है। इसी के साथ शरीर से व्यर्थ पदार्थों को मल के जरीए बाहर निकालती है। लेकिन हमारे खराब खान-पान और हमारी अस्वस्थ जीवनशैली के चलते आंतों को कई तरह की बीमारी लग जाती है। लेकिन हमने कुछ घरेलू उपचार दिए है जिनकों अपनाकर आप अपनी आंतों को स्वस्थ रख सकती है। इन घरेलू उपचारों का प्रयोग अपने डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें।